दमोह। श्री तारण तरण चैत्यालय मोरगंज में स्थित धर्म सभा को संबोधित करते हुए आत्मानंद महाराज ने कहा आत्मा का दर्शन संसार से मुक्त होने का सच्चा मार्ग है। संसार का स्वरूप विचित्र है। आत्मा की दर्शन की प्राप्ति संसार क्षय की सूचना देती है, आत्मा का ज्ञान कराती है, सम्यक दर्शन आत्म दर्शन प्राप्त करने के सभी जीव अधिकारी है, भव्य हो, संज्ञी हों आत्मा की प्राप्ति का मार्ग दुर्लभ है। परमात्मा की प्राप्ति यानि धर्म के अनुसार चलना जरूरी है, जिस प्रकार जल से स्नान करने से शरीर की पवित्रता आती है, उसी प्रकार अहिंसा संयम तप रूपी धर्म में स्नान करने से आत्मा की पवित्रता आती है, आत्मा के उपयोग की धारा को परमात्मा की धारा को अपने आत्म स्वभाव की ओर मोडना चाहिए, सांसारिकता से मुख मोड़ना चाहिए, धर्म आत्म का स्वभाव है, ज्ञान मात्र चेतन सत्ता अखण्ड प्रभुता है। चैतन्य महान तत्व है, चिद्विलासी चैतन्य प्रकाशी है, जयवंत है, अमर है, अनुपम है, अद्भुत है, आनंदमयी है।