व्यक्ति को सत्संग में भाग लेना चाहिए, सत्संग से मिलता है ज्ञान : पं. दिनेशानंद

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Khargon News – श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन हुआ भक्त ध्रुव व प्रहलाद चरित्र का वर्णन भास्कर संवाददाता | बड़वाह सुराणा नगर…

भास्कर संवाददाता | बड़वाह

सुराणा नगर स्थित सिद्धेश्वर महादेव मंदिर परिसर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिवस सती चरित्र, भक्त ध्रुव व प्रहलाद चरित्र का वर्णन किया। कथा सुनाते हुए कथा वाचक पंडित दिनेशानंद बापू ने कहा जीवन में अगर कुछ पाना है तो व्यक्ति को सत्संग में भाग लेना चाहिए। गुरु के बिना ज्ञान संभव नहीं है। सत्संग से मिलने वाला प्रेरणा हमें जीवन जीने का मार्ग बताता है। अज्ञानता से ज्ञानता की जानकारियां होती है। हमें समाज के कुरीतियों को छोड़कर आगे बढ़ने के लिए प्रय| करना चाहिए। दूसरे लोगों को कुरीतियों से दूर रहने के लिए प्रेरित करना चाहिए। अभी भी लोगों में अज्ञानता है।

लोग सत्संग में हिस्सा नहीं लेते हैं। ज्ञान की बातों से दूर भागते हैं। कलियुग में मुक्ति का मार्ग सिर्फ ईश्वर का भजन है। धर्म से ही विश्व शांति व मानव कल्याण संभव है। श्रीमद् भागवत गीता का महत्व बताते हुए कहा गीता एक ऐसा अदभूत ग्रंथ है जिसे हम जितना अध्ययन, मनन करेंगे उतना ही उसके अंदर समा जाएंगे। वृक्ष की टहनी पर फल लगते हैं और वह झुक जाती है। ध्रुव कथा प्रसंग में बताया सौतेली मां से अपमानित होकर बालक ध्रुव कठोर तपस्या के लिए जंगल को चले गए थे। बारिश, आंधी तूफान के बाद तपस्या न डिगने पर भगवान प्रगट हुए व उन्हें अटल पदवी दी। कथा के अंत में आरती कर प्रसादी वितरण किया। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

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