जापान के एक शिक्षक ने भारत के इस गांव में जापानी भाषा सीख रहे बच्चों के लिए भेजीं किताबें

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महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के एक सुदूर गांव के जिला परिषद के स्कूल में जापानी भाषा सीख रहे बच्चों को जापान के एक शिक्षक ने किताबें भेजी हैं, ताकि बच्चे सही तरीके से इस भाषा को सीख सकें.

महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के एक सुदूर गांव के जिला परिषद के स्कूल में जापानी भाषा सीख रहे बच्चों को जापान के एक शिक्षक ने किताबें भेजी हैं, ताकि बच्चे सही तरीके से इस भाषा को सीख सकें. औरंगाबाद से 25 किलोमीटर दूर स्थित गदिवत गांव उस वक्त चर्चा में आया जब स्थानीय जिला परिषद संचालित स्कूल के बच्चों ने एक सोशल मीडिया मंच के जरिए जापानी भाषा सीखनी और बोलनी शुरू की. Also Read – राहत! महाराष्ट्र में कोरोना के 18,390 नए मामले सामने आए, 392 की मौत; 20,206 मरीज हुए ठीक

स्कूल ने पिछले साल सितंबर में एक विदेशी भाषा कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया था. इस कार्यक्रम के तहत चौथी से आठवीं कक्षा के छात्रों से अपनी पसंद की एक भाषा चुनने को कहा गया. उनमें से अधिकतर बच्चों ने रोबोटिक्स और प्रौद्योगिकी का ज्ञान अर्जित करने की चाह में जापानी भाषा को चुना. इसके बाद जापानी भाषा के एक स्थानीय विशेषज्ञ बच्चों को मुफ्त ऑनलाइन शिक्षा देने लगे. Also Read – नोटिस मिलने पर NCP चीफ शरद पवार बोले- आईटी विभाग कुछ लोगों से प्यार करता है

औरंगाबाद जिला परिषद के शिक्षा विस्तार अधिकारी रमेश ठाकुर ने कहा, ‘राष्ट्रीय जापानी भाषा और भाषा विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर प्रशांत परदेशी को जब इस पहल के बारे में पता चला तो उन्होंने इन बच्चों को विदेशी भाषा को बेहतर तरीके से सीखने में मदद करने का फैसला किया. वह 25 वर्षों से जापान में रह रहे हैं. Also Read – गर्लफ्रेंड के साथ समय बिताने के लिए कोरोना पॉजिटिव बता ‘लापता’ हो गया शख्स, पत्नी को हुआ शक और फिर…

ठाकुर ने कहा, ‘परदेशी ने मुझसे फोन पर इस कार्यक्रम का विवरण लिया और मराठी और जापानी भाषाओं पर पुस्तकों के छह सेट भेजे. हमें किताबें मिल गई हैं, जिसमें एक जापानी-मराठी शब्दकोश, अनुवादित कहानियों की किताबें और व्याकरण तथा अन्य विषयों पर किताबें शामिल हैं.’ उन्होंने कहा कि जिला परिषद ने जिले के चार और स्कूलों में जापानी भाषा सिखाने की पहल का निर्णय लिया है.

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